Zindgi


जिंदगी ने कुछ इस तरह का रूख लिया; जिसने जिस तरफ चाहा मोड़ दिया; जिसको जितनी थी जरुरत साथ चला; और फिर एक लम्हें में तन्हा छोड़ दिया!

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